...

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माँ
माँ एक शब्द नही है
बल्कि पूरा वेख्या है
जब भी पापा डांटते या मारते
वो बचाने वाला हाथ माँ का होता था
कभी कभी गुस्से मैं खुद मार भी देती मुझे
ओर छुप कर कोने मैं रोती भी माँ थी
दर्द तो मुझे होता पर तड़प माँ जाती थी
रोते हुए चेहरे को जिसने हँसाया था
ह वो मेरी माँ थी जिसने मुझे हँसाया था
जब जब मेरे ऊपर संकट आयी
ह वो मेरी माँ थी जिसने मुझे बचाया था
पढ़ना लिखना मेरी माँ ने मुझे शिखया था
परिस्तिथियों से लड़ना मुझे मेरी माँ ने सिखाया था।
धन्यबाद