माँ
माँ एक शब्द नही है
बल्कि पूरा वेख्या है
जब भी पापा डांटते या मारते
वो बचाने वाला हाथ माँ का होता था
कभी कभी गुस्से मैं खुद मार भी देती मुझे
ओर छुप कर कोने मैं रोती भी माँ थी...
बल्कि पूरा वेख्या है
जब भी पापा डांटते या मारते
वो बचाने वाला हाथ माँ का होता था
कभी कभी गुस्से मैं खुद मार भी देती मुझे
ओर छुप कर कोने मैं रोती भी माँ थी...