...

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दोस्ती
इस से उस तक,
पलक झपकते ही,
जीवन,पार्कों में सीखने
और पढ़ने से लेकर
जीवन के जंगल में चर्चा
और बहस करने तक
बदल गया है चाहे कुछ भी हो,
हमारे अंदर का दोस्त कभी मरता नहीं
और कभी डरता नहीं
दोस्ती हमेशा जीवित रहती है,
हमारा पालन-पोषण करती है,
हमारी रक्षा करती है
और
हम जहां भी जाएं और जैसे भी हों,
इसे संजोया जाना चाहिए

किसी ने सही कहा है मित्र वह परिवार हैं जिन्हें हम चुनते हैं

दोस्ती जिंदाबाद