इस ज़माने में
दिल को ज़रा भी करार नही मिलता,
क्यों हर किसी को प्यार नही मिलता।
मेरी तरह क्यो उदास हैं लोग आख़िर,
क्यों किसी को दिलदार नही मिलता।
मोहोब्बत जो सबसे हसीन हैं जहाँ में,
क्यों किसी को ये खुमार नही मिलता।
एक फ़रेब छुपा के रखते हैं सभी यहाँ,
क्यों हर किसी मे ऐतबार नही मिलता।
दर्द देने को हैं हुजूम तमाम आस-पास,
क्यों प्यार दे जो ऐसा यार नही मिलता।
शायर -का -अंतर्मन
© All Rights Reserved
क्यों हर किसी को प्यार नही मिलता।
मेरी तरह क्यो उदास हैं लोग आख़िर,
क्यों किसी को दिलदार नही मिलता।
मोहोब्बत जो सबसे हसीन हैं जहाँ में,
क्यों किसी को ये खुमार नही मिलता।
एक फ़रेब छुपा के रखते हैं सभी यहाँ,
क्यों हर किसी मे ऐतबार नही मिलता।
दर्द देने को हैं हुजूम तमाम आस-पास,
क्यों प्यार दे जो ऐसा यार नही मिलता।
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