परंपरा और मान्यता
परंपरा और मान्यता, सभ्यता की पहचान।
छुपा हुआ है मूल में,अति सूक्ष्म विज्ञान।।
खाना पीना पहनना,करे हास परिहास।
समेटे निज अंकमें, ये अपना इतिहास।।
जितने दैविक स्थान है,सबतरू तलमें होय।
पूजा हो नित पेड़ की,जब पूजे भगवत कोय।।
पशु पक्षी प्राचीन से, नर के रहे सहाय।
यातो...
छुपा हुआ है मूल में,अति सूक्ष्म विज्ञान।।
खाना पीना पहनना,करे हास परिहास।
समेटे निज अंकमें, ये अपना इतिहास।।
जितने दैविक स्थान है,सबतरू तलमें होय।
पूजा हो नित पेड़ की,जब पूजे भगवत कोय।।
पशु पक्षी प्राचीन से, नर के रहे सहाय।
यातो...