...

26 views

सब कुछ बस इक धोखा है।
जब अंधेरा आता है
साया भी चला जाता है,
हवा के ज़ोर पे कागज़
भी बह जाता है,
लब तो मेरे खामोश हैं
पर आंखों का पानी
सब कह जाता है,
आंख ज़रा सा खुलती क्या
किरदार ही सब खो जाता है,
धुंधली सी तस्वीर कोई
रह रह के सामने आती है,
पर पाकर हल्की सी ही रोशनी
वह भी कहीं छीप जाती है,
कभी कहीं करीब से इक आवाज़
भी मुझ को आती है,
कोई अनजाना सा लहजा है
कुछ अपनापन भी होता है,
कभी खुशी सी लगती है
कभी बिन बात दिल ये...