सपना बिखरता है
तब एक ताना अखरता है
गिरकर नर कभी राह पर
फिर खड़े होने से डरता है
तब पतन निकट ही मानो तुम
परिस्थिति विकट ही जानो तुम
असफलता घाम बन जलायेगी
चाहे भाग्य का वट ही तानो तुम
स्वप्नों का टूटना ही अंत नहीं
क्षय क्षणिक है जीवनपर्यंत नहीं
उठो! ध्येय की ओर चलो
केवल स्वप्न टूटा है पंत नहीं
©कैलाश All Rights Reserved
#Hindi #hindiquotes #yqwriter
गिरकर नर कभी राह पर
फिर खड़े होने से डरता है
तब पतन निकट ही मानो तुम
परिस्थिति विकट ही जानो तुम
असफलता घाम बन जलायेगी
चाहे भाग्य का वट ही तानो तुम
स्वप्नों का टूटना ही अंत नहीं
क्षय क्षणिक है जीवनपर्यंत नहीं
उठो! ध्येय की ओर चलो
केवल स्वप्न टूटा है पंत नहीं
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