रात और बात
रात अजब,
गजब का चांद,
होंठ मिलें,
मिले फिर प्राण,
और सुहानी हुई कहानी,
ठंडी रात की...
गजब का चांद,
होंठ मिलें,
मिले फिर प्राण,
और सुहानी हुई कहानी,
ठंडी रात की...