मैं नहीं बदली..!!
किसी के लिए सही,तो किसी के लिए गलत निकली मैं,
लेकिन हां जितना मैंने सोचा था उतनी तो सही निकली मैं।
किसी का सच भी झूठ है और कोई झूठ बेच रहा सच के नाम से,
लोग तुमसे मिलते हैं तुम्हारे बनकर लेकिन अपने काम से।
तुम्हें भी फर्क नहीं पड़ना चाहिए किसी के अधूरे,झूठे सच से,
किसी दिन पूरा होगा खाता उनका,फिर वो कहां जाएंगे सजा से बच के।
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लेकिन हां जितना मैंने सोचा था उतनी तो सही निकली मैं।
किसी का सच भी झूठ है और कोई झूठ बेच रहा सच के नाम से,
लोग तुमसे मिलते हैं तुम्हारे बनकर लेकिन अपने काम से।
तुम्हें भी फर्क नहीं पड़ना चाहिए किसी के अधूरे,झूठे सच से,
किसी दिन पूरा होगा खाता उनका,फिर वो कहां जाएंगे सजा से बच के।
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