...

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प्रपोज
ज़िन्दगी सारी जी गया
अप्रोच तो वही रहा
परन्तु प्रपोज का तरीका बदल गया ।
पहले इश्क हो जाता था
वो मिले या ना मिले
पूरी जिंदगी उसकी याद में
ज़िया जाता था ।
आज इश्क किया जाता है
ना मिले तो छीन लिया जाता है
टूकडों टूकडों में काटकर
इश्क के अप्रोच को प्रपोज किया जाता है ।