प्रेम बाटों सभी में....
चिरागें जलाओ, निशा की न सोचो।
मदद को बढ़ो तू ,अदद की न सोचो।
मधुर शब्द बोलो ,कटु बातें न सोचो।
पुष्प बनकर के देखो,कांटों की न सोचो।
भटकों को संभालो, अटकाने की न सोचो।
शहनाई सा बजो तू, युद्धनाद की न सोचो।
ज्ञान बाटो सभी में,मूर्ख बनाने की न सोचो।
शत्रु...
मदद को बढ़ो तू ,अदद की न सोचो।
मधुर शब्द बोलो ,कटु बातें न सोचो।
पुष्प बनकर के देखो,कांटों की न सोचो।
भटकों को संभालो, अटकाने की न सोचो।
शहनाई सा बजो तू, युद्धनाद की न सोचो।
ज्ञान बाटो सभी में,मूर्ख बनाने की न सोचो।
शत्रु...