...

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वो कब इतनी बड़ी हो गई है ❤️
छोटे छोटे कदम से जब घर मे दौड़ा करती थी
गिरते पर रों रों कर पापा पापा कहती थी
माँ के डाट से बचने के लिए पीछे मेरी छुप जाती थी
जब office से लौटता था मैं गले से लिपट जाती थी

देख कर खिलौने को जो अक्सर रो दिया करती थी वो आज बड़ी ख्वाहिसे छुपाने लगी है
मेरी नन्ही सी गुड़िया जो घर आँगन मे चाहका करती थी
पता हि नही चला वो ना जाने कब इतनी बड़ी हो गई है

माँ की डाट से डरने वाली
अपना हर दर्द छुपने लगी है
मायके में अपनी मनमानी करने वाली
आज ससुराल में बहु का फर्ज़ निभाने लगी है

गिरने पर जिसे संभाला मैंने
वो परेशानियों में भी उठ कर चलने लगी है
नन्ही सी गुड़ियाँ जो घर आँगन में चहका करती थी
वो ना जाने कब इतनी बड़ी हो गई है

जो कल तक नखरे दिखाती थी
आज वो सबके नखरे उठाने लगी है
कल तक पापा पापा कहती
आज अचानक गुम सुम हो गई है

कल तक माँ से काजल का टिका लगवाती
आज खुद को दुल्हन की तरह सजाने लगी हैं
कल तक छोटी बातो पर रोने वाली
आज हर गम में भी मुस्कुराने लगी है
मेरी छोटी सी गुड़ियाँ ना जाने आज कहा खो गई है
कल तक जो घर आँगन में चाहका करती थी
ना जाने कब वो इतनी बड़ी हो गई है

papa ki laado❤️
shital mishra 💞