...

11 views

*खुशी... (K.H.U.S.H.I.)*
*खुशी... (K.H.U.S.H.I.)*


बेशक इस दुनिया ने हमे बोहत गिराया है
हर मोड़ पर चेहरे के पीछे छिपा चेहरा दिखाया है
कौन अपना कौन बेगाना, ये फर्क समझाया है
हर दुख तकलीफ को मैने खुशियों से सजाया है
मेरी मां ने मुझे हर चीज से हासकर लड़ना सिखाया है...

पर्दा नहीं किसी से, क्यूं की कोई राज़ नही छुपाया है
मेरे कुछ खास हैं, जिन्हाें ने मुझे दिल में बसाया है
बस कुछ लम्हों तक ही खुदको आश्कों में डुबाया है
जब मेरी मां को मैंने तकलीफ और दर्द में पाया है
फिर भी, मेरी मां ने मुझे हर चीज से हासकर लड़ना सिखाया है...

एक ख्वाब जो मैंने बचपन से ही आंखों में सजाया है
कर जाऊं कुछ ऐसा, सब कहें तूने आसमान को झुकाया है
ना होगा घमंड कभी उस बात का, बस कहूंगी यही
मैंने अपनी अम्मी का सपना और रुतबा बढ़ाया है
मेरी मां ने मुझे हर चीज से हासकर लड़ना सिखाया है...

अब तक मुझसे ज्यादा मेरी मेहनत ने बताया है
जिन्हे यकीन था कि हम क्या ही कर लेंगे
आज उनके लबों से भी वाह वाह बुलवाया है
मुझे बैर नहीं किसी से, ना शिकवा कभी दिल में बैठाया है
बस अपने नाम की ही तरह जिंदगी को भी खुशी का ठिकाना बनाया है...
क्यूं की, मेरी मां ने मुझे सबसे बेहतर बनना सिखाया है...

Aezz ख़ान...
© Aezz खान...