...

5 views

आइए आज कृष्ण रस में रम जाए
मृगतृष्णा सी सूरत, नैन मधुशाला है
हाथ में बंसी, कंठ पुष्प माला है
धर्म रक्षण को न्याय करे, मोहित उनपे हर बृजबाला है
गोकुल की गलियों की जान, ये हमारे बांकेबिहारी नंदलाला हैं।

सांवरे रंग पर राज करे
भक्तो के सब कष्ट हरे
पाप मिटाने से न ये डरे
प्रेम रस से हमेशा हृदय भरे

जग के तारणहार हमारे, अनगिनत इनके अनुयाई है
देवकी वसुदेव के घर ये जन्मे, पर यशोदा इनकी माई है
भ्रातृ प्रेम की छत्र छाया है जब स्वयं शेषनाग बलराम इनके भाई है
प्रेम रंग में जन्म बिताया, प्रेम ही इनकी रूबाई है
प्रेम धुन है राधे राधे, जो श्याम बंसी में छाई है
युद्ध...