...

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अब मान भी जाओ ना
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
तू मुझसे चाहे जितना शिकवा कर ले,
दूर मुझसे ना जा बस ये जतन कर दे,
अपने दिल के दरवाजे मुझपर यू ना बंद कर रे,
अपनी आंहो से दस्तक मैं दूँगा तुझे,
गलियों चौबारों में तलाशुंगा तुझे,
रो रो पुकारूंगा तुझे,
बदनाम ना करने का इरादा तुझे,
बस एक इसी एहसास की तमन्ना तुझसे,
जो तू रूठा हुआ सा मुझसे हमेशा ,
बेरुखी तेरी बर्दाश नही मुझे,
क्यों ना समझ आए हाल मेरे दिल का तुझे,
जब तेरा हुआ बैठा ये दिल हमेशा हमेशा।

जाता जिधर भी मैं याद तेरी आये हमेशा,
खामोश खड़ा ताकता आसमां,
मुखड़ा चांद में तालाशता तेरा,
तुझे दिल में समाए तभी दिल को चैन आए,
तू समझे मुहब्बत नही,ठिठोली मेरा,
तेरे आस पास बस रहने को दिल चाहे,
तेरी सोच तेरे पहलू में गुम जाने को दिल चाहे।

तू चाहे तो अपनी राहें मिल जाएँ,
बस तू इशारा कर के तेरे घर मेरी बारात आ जाए,
सारे नाज़ो नखरे उठाने को मैं कायल बैठा,
बस तेरी रज़ामंदी की नज़र मेरी हर हसरत हो जाए।





© रूमी