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"ये इश्क़ नहीं आसान"
नज़र- नज़र से रूह तलक उतरने दे,
कुछ इस कदर आज हमें बिखरने दे .,
यूं डूबने वाला नही अब मुक़द्दर मेरा,
मेरे सफ़ीनों को भंवर से गुजरने दे. ,
सामना करना है अभी तो तूफानों से,
अपने चिरागों को हवा से ना डरने दे.,
क्या शै है ग़ज़ल खुद ही जान जाओगे,
दर्द ए दिल को तो ज़िगर में ठहरने दे .,
मौसमे तन्हाई भी दिलचस्प है बेखबर,
उसकी मर्ज़ी है तो उसको मुकरने दे ।।
कुछ इस कदर आज हमें बिखरने दे .,
यूं डूबने वाला नही अब मुक़द्दर मेरा,
मेरे सफ़ीनों को भंवर से गुजरने दे. ,
सामना करना है अभी तो तूफानों से,
अपने चिरागों को हवा से ना डरने दे.,
क्या शै है ग़ज़ल खुद ही जान जाओगे,
दर्द ए दिल को तो ज़िगर में ठहरने दे .,
मौसमे तन्हाई भी दिलचस्प है बेखबर,
उसकी मर्ज़ी है तो उसको मुकरने दे ।।
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