...

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प्रेम व्यर्थ है..

स्नेह हुआ, तुमने कर लिया,
तुम टूटोगे मर जाओगे।
यही जिंदगी दांव लगेगी..
घाव घाव भर जाओगे।।
प्रेम नहीं, यह निश्चित खेल,
निश्चिंत रहो ,तुम हारोगे।
वक्षस्थल को तोड़ तोड़कर..
स्वप्न सलीके मारोगे।।
तुम बच्चे हो, यह प्रेम नहीं,
मासूमियत,...