...

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आजाओ।।
आ ऐसे बस जा मुझमें कही,
जहां से जाने की ना हो राह कही।
क्यों तेरे बिन दिल लगता नहीं,
सिर्फ रोता हैं, क्यों हंसता नहीं,
ऐसे टूटा हु, की जुड़ता नही।
आ फिर से मुझसे तू मिल जा।
आ साथ मेरे ये दूरी मिटा।
मेरा हाथ पकड़ मुझे रास्ता दिखा।
मेरे गमों से मुझे तू करदे जुदा।
लागे ऐसे जैसे रूठा खुदा।
क्यों खामोश है, अब कदम बढ़ा।
आ ऐसे बस जा मुझमें कही...
© Magician