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ज्ञान
ज्ञान की राह पर तू चल चला चल। कभी रुकने ना दे अपने कदम ना ही चलता जल। तेरे चारो ओर अज्ञान का अन्धेरा हैं। तु कमज़ोर नहीं है लेकिन तुझे अज्ञान ने घेरा हैं। ज्ञान की राह पर तू चल चला चल। तुम्हें फिर खड़े होकर उन बुलंदियों को छूना हैं। यह जग तेरे ज्ञान बिना सूना हैं। जब दुनिया में अज्ञान का अंधेरा होगा। तब तुम्हारे ज्ञान से नया सवेरा होगा। ज्ञान की राह पर तू चल चला चल।
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