" यार के दीदार का "
फिर से मौसम आ गया है यार के दीदार का।
प्यार की मनुहार का।।
जिंदगी ने देख करवट ली है फिर निकली किरण।
सतरंगी आँचल उड़े फिर हो गया रंगी गगन।।
फिर हवाओं में घुली है गंध पगलाया पवन।
फिर बहारों ने सजाई है गुलों की अंजुमन।।
वक्त है ये इश्क के इजहार का इकरार का।
प्यार की मनुहार का।।
आस की राधा...
प्यार की मनुहार का।।
जिंदगी ने देख करवट ली है फिर निकली किरण।
सतरंगी आँचल उड़े फिर हो गया रंगी गगन।।
फिर हवाओं में घुली है गंध पगलाया पवन।
फिर बहारों ने सजाई है गुलों की अंजुमन।।
वक्त है ये इश्क के इजहार का इकरार का।
प्यार की मनुहार का।।
आस की राधा...