प्रेमिका नहीं, सिर्फ़ प्रेम हो...!
हां, तुम प्रेमिका नहीं,"मैं"
तुम्हें प्यार नहीं करता
फिर भी मैं उदास रहता हूं
जब तुम पास नहीं होते
और मैं उस चमकदार, नीले
आकाश से भी ईर्ष्या करता हुं
जिसके नीचे तुम खड़े रहते हो
और जिसके सितारे तुम्हें देख सकते हैं,
मैं तुमसे प्यार नहीं करता हुं
फिर भी तुम्हारी बोलती हुई आंखें...
तुम्हें प्यार नहीं करता
फिर भी मैं उदास रहता हूं
जब तुम पास नहीं होते
और मैं उस चमकदार, नीले
आकाश से भी ईर्ष्या करता हुं
जिसके नीचे तुम खड़े रहते हो
और जिसके सितारे तुम्हें देख सकते हैं,
मैं तुमसे प्यार नहीं करता हुं
फिर भी तुम्हारी बोलती हुई आंखें...