ज़िंदगी ...चलने का नाम ✍️
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
ठोकरें खाते गुज़रा ज़माना
अब तो तू संभल जा रे ...
जलता - कुढ़ता खुद के अंदर
कब तक...
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
ठोकरें खाते गुज़रा ज़माना
अब तो तू संभल जा रे ...
जलता - कुढ़ता खुद के अंदर
कब तक...