अब तू वापस आना नहीं
कमी थी चेहरे पर हंसी की, उसे अब मिटाना नहीं,
झूठी कसमों की मालाएं, मुझे लाकर पहनाना नहीं,
प्यार की ऊंचाइयों से, किसीको जमीं में दफनाना नहीं,
की तू गया तो बेमतलब छोड़कर, अब वापस आना नहीं।
खोई मंजिलों से मुझको, फिर तू भटकाना नहीं,
इश्क़ में अपने आंसुओं से किसी को भीगाना नहीं,
करेगा मोहब्बत किसीको गर, जिस्म से उसे लगाना नहीं,
की तू...
झूठी कसमों की मालाएं, मुझे लाकर पहनाना नहीं,
प्यार की ऊंचाइयों से, किसीको जमीं में दफनाना नहीं,
की तू गया तो बेमतलब छोड़कर, अब वापस आना नहीं।
खोई मंजिलों से मुझको, फिर तू भटकाना नहीं,
इश्क़ में अपने आंसुओं से किसी को भीगाना नहीं,
करेगा मोहब्बत किसीको गर, जिस्म से उसे लगाना नहीं,
की तू...