...

45 views

टूटा दिल बरसों पहले
दिल अफ़सुरदा-ए-अज्जियत में है,
ये क़ातिब ग़म की चौखट में है।

हसीं ख़ाब मयस्सर नही आँखों को,
तन-मन सब फ़ुरकत में हैं।

और ग़म हैं ज़माने के बहुत...