लेखक की पेछान
कैसे होती है?
हर लेखक का अलग स्टाइल होता है,
अलग टॉपिक पे लिखते है,
अपने किरदार को सारे निभाते है,
पर सिर्फ कुछ ही अच्छे से बयान कर पाते है।
एक अच्छा कलाकार लोगो को जोड़ता है,
लोगो को बारीकी से मेहसूस करवाता है,
की इस दुनिया की प्राकृति कितनी सुंदर है,
एक पैन उठाकर कितना कुछ किया जासकता है,
हर इंसान राइटर है, हर फील्ड में राइटर ही होते है,
जो लिख के अपना कुछ बनाना चाहते है।
अपनी कविता में इमोशन लाना मुश्किल है,
पर नामुमकिन तो नही,
बस वो एक्सपीरियंस लता है,
कुछ शब्दों का खेला है,
एकदम सेम हमारे रिश्ते में भी होते है,
कुछ करवे शब्द रिश्ते को हिला कर रख देते है,
शब्द को सही ढंग से यूएस करना भी आर्ट है,
शब्दों का सही काम, ढंग से उपयोग कीजिए।
© sruti agarwal
हर लेखक का अलग स्टाइल होता है,
अलग टॉपिक पे लिखते है,
अपने किरदार को सारे निभाते है,
पर सिर्फ कुछ ही अच्छे से बयान कर पाते है।
एक अच्छा कलाकार लोगो को जोड़ता है,
लोगो को बारीकी से मेहसूस करवाता है,
की इस दुनिया की प्राकृति कितनी सुंदर है,
एक पैन उठाकर कितना कुछ किया जासकता है,
हर इंसान राइटर है, हर फील्ड में राइटर ही होते है,
जो लिख के अपना कुछ बनाना चाहते है।
अपनी कविता में इमोशन लाना मुश्किल है,
पर नामुमकिन तो नही,
बस वो एक्सपीरियंस लता है,
कुछ शब्दों का खेला है,
एकदम सेम हमारे रिश्ते में भी होते है,
कुछ करवे शब्द रिश्ते को हिला कर रख देते है,
शब्द को सही ढंग से यूएस करना भी आर्ट है,
शब्दों का सही काम, ढंग से उपयोग कीजिए।
© sruti agarwal