ख्वाहिश तन्हाई को जब पाती है
ख्वाहिश तन्हाई को जब पाती है
जिंदगी एक ख्वाब बन जाती है
ज़माना धुँधला हुआ जाता है
तन्हाई जाने क्या क्या पिलाती है
मैं ख़यालों से खेलने लगता हूँ
फिर नींद भी मुझे नहीं आती है
जिंदगी कुछ सीख इन ख्यालों से
जिंदगी तो ऐसे ही जी जाती है
सूरज डूब ...
जिंदगी एक ख्वाब बन जाती है
ज़माना धुँधला हुआ जाता है
तन्हाई जाने क्या क्या पिलाती है
मैं ख़यालों से खेलने लगता हूँ
फिर नींद भी मुझे नहीं आती है
जिंदगी कुछ सीख इन ख्यालों से
जिंदगी तो ऐसे ही जी जाती है
सूरज डूब ...