दिल और उम्मीदें
दिल तो दिल से कह देगा
बातें दिल में जो धड़क रहे
क्या दिल, दिल की, मानेगा
या दबा लेगा हाल,जो तड़प बने
हो कुछ ख़बर इस दिल को भी
उस दिल मे क्या-क्या भंवर चले
मिले सुकून की दिल संभल जाये
कुछ ऐसी दिल पे दिल की नज़र चले
नादान बहुत है दिल यूँ तो
हर धड़कनों का दिल पे असर चले
की सांसें रुक-रुक कर जुबान देती
दो दिलों का जब-जब सफर चले
न मिले मंज़िल तो भी, उम्मीदें है
किसी दिल के भरोसे पे जब बशर चले
© paras
बातें दिल में जो धड़क रहे
क्या दिल, दिल की, मानेगा
या दबा लेगा हाल,जो तड़प बने
हो कुछ ख़बर इस दिल को भी
उस दिल मे क्या-क्या भंवर चले
मिले सुकून की दिल संभल जाये
कुछ ऐसी दिल पे दिल की नज़र चले
नादान बहुत है दिल यूँ तो
हर धड़कनों का दिल पे असर चले
की सांसें रुक-रुक कर जुबान देती
दो दिलों का जब-जब सफर चले
न मिले मंज़िल तो भी, उम्मीदें है
किसी दिल के भरोसे पे जब बशर चले
© paras