मैं उलझा हूं
मैं
उलझा हूं
जिंदगी की राह में
ठोकरों की पनाह में।
प्यासा हूं
जीवन के मौन को
मां के स्पर्श को ।
व्यथा है
मेरे जवाबो की
मेरे खुद के जो मर रहे
उन सपनों...
उलझा हूं
जिंदगी की राह में
ठोकरों की पनाह में।
प्यासा हूं
जीवन के मौन को
मां के स्पर्श को ।
व्यथा है
मेरे जवाबो की
मेरे खुद के जो मर रहे
उन सपनों...