मैं राम हूँ, मैं राम हूँ
पिता दशरथ के हृदय की आस हूँ
मां कौशल्या के नयनों की प्यास हूँ
श्री विष्णु का सातवां अवतार हूँ मैं
धर्म का अधर्म पर एक तीखा प्रहार हूँ मैं
और मैं खुद में ही चारों धाम हूँ
मैं राम हूँ,मैं राम हूँ
त्रेता का स्वामी हूँ मैं,मैं द्वापर का श्याम हूँ
सबकी जीवन में आनेवाली खुशियों का पैगाम हूँ
प्रतेक मनुष्य में बसा मैं धर्म का एहसास हूँ
सृजनकर्ता हूँ मैं,मैं ही तो विनाश हूँ
मैं सबकी भलाई के लिए उपस्थित, यहाँ आठो याम हूँ
मैं राम हूँ ,मैं राम हूँ
सदियों से अयोध्या की खुशियों का वनवास हूँ
मैं ऋष्यमूक पर्वत पर पाई जानेवाली प्रत्येक घास हूँ
मैं ताड़का का वध कहीं ,कहीं...
मां कौशल्या के नयनों की प्यास हूँ
श्री विष्णु का सातवां अवतार हूँ मैं
धर्म का अधर्म पर एक तीखा प्रहार हूँ मैं
और मैं खुद में ही चारों धाम हूँ
मैं राम हूँ,मैं राम हूँ
त्रेता का स्वामी हूँ मैं,मैं द्वापर का श्याम हूँ
सबकी जीवन में आनेवाली खुशियों का पैगाम हूँ
प्रतेक मनुष्य में बसा मैं धर्म का एहसास हूँ
सृजनकर्ता हूँ मैं,मैं ही तो विनाश हूँ
मैं सबकी भलाई के लिए उपस्थित, यहाँ आठो याम हूँ
मैं राम हूँ ,मैं राम हूँ
सदियों से अयोध्या की खुशियों का वनवास हूँ
मैं ऋष्यमूक पर्वत पर पाई जानेवाली प्रत्येक घास हूँ
मैं ताड़का का वध कहीं ,कहीं...