...

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do baatein..!!
कल शाम कामों से खाली बैठा तो तेरी याद आई
कुछ टूटी फूटी बाते,कुछ धुंधली तस्वीरें,
कुछ तेरी हसी जैसी खिलखिलाहट
कुछ सन्नाट्टो की आहट
और कुछ भूली बिसरी यादें याद आईं
यूं आलम था रात; यादों का
शाम बीतती गई रात आता गया
मैं तेरी यादों से यादों की तरफ खींचा जाता गया

सिलसिला यूं यादों से यादों का यूंही चल रहा था
के कुछ कमज़र्फ की बाते मेरे जेहन में उतर गई
बात जैसे उतरी मेरे जेहन में;
बात मेरी और दिल की
मेरे दिल ही दिल में कही जाकर के बिगड़ गई

"ए मेरे दिल उसे भूल जा
ए दिल मेरे किसी और को याद कर"
"मुम्किन हैं नई मोहब्बत रास आ जायेगी
ए मेरे दिल किसी और शख्स की फरियाद कर"
"वो जो तेरी राह से उड़ गया राख सा
ए दिल सुन उसके पीछे खुद को न बर्बाद कर"

ये देख के उसकी मोहब्बत में मेरा क्या हश्र हुआ हैं..
ये जो मैं अब हो गया हूं तूने मुझे ऐसा कभी देखा हुआ हैं..?
आवारा लोगो से दोस्ती थी मैं खुद भी कोई आवारा था
दुनिया भर को रखता था आंखो में चार दीवारों में जीना
मुझे कब ही गवारा था..?

ये ख्वाबों से दोस्ती और किताबो से इश्क है जिसको
ये वो राज नहीं हैं
राज तो धुंध का मारा था
.....

यू सोच ही रहा था के
तुझपे आज कोई गजल लिखूं
मैं आज हमारे आधे के आधे इश्क को
किसी शायरी में मुकम्मल करूं
उतने में ही वक्त बीत चला चांद ढल गया था
आसमा में लाली छाई सूरज निकल गया था !
सुबह पांच साढ़े पांच
अलार्म की घंटी
हल्कें गीले तकिए से उठता हुआ मैं
नींद का गुलाबी खुमार मेरी आखों में
चाय की घूट गले उतारकर
तकिए पर हुई आशू की बूंदों को देख रहा था
फिर तेरे हसीन ख्यालों ने आंखे बांधी राखी मेरी
फिर आज मुझको टूटकर रोने नही दिया
फिर एक रात तेरे आवारा ख्यालों ने मुझको
आज भी सोने नहीं दिया..

"फिर अफसोस करता हुआ मैं
एक और दिन रात तेरा मलाल किया"
"दिन रात का हिसाब जोड़ते घटाते
सफर को अपने अपने क्लास की ओर निकाल दिया"
©गर्व:(/



© @raj's life(the diary)