गुरुवर
पावन पुनीत दिन ये आषाढ़ शुक्ल गुरु पूर्णिमा"
गुरु पूजन को मैं चली लेकर गुलाब की कलियां"
गंगाजल से चरण पखारूं"
गले पुष्प हार सजाऊं'
चंदन कुमकुम भाल सजाऊं"
धूप दीप संग आरती गाऊं
नवैद चढ़ा कर विनती सुनाऊं
अपने गुरु जी की सेवा में ,
मैं...
गुरु पूजन को मैं चली लेकर गुलाब की कलियां"
गंगाजल से चरण पखारूं"
गले पुष्प हार सजाऊं'
चंदन कुमकुम भाल सजाऊं"
धूप दीप संग आरती गाऊं
नवैद चढ़ा कर विनती सुनाऊं
अपने गुरु जी की सेवा में ,
मैं...