...

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स्पर्श
ज़िन्दगी के हर आलम में
मैं तेरी तलाश में रहता हूँ"..

हालात चाहे कैसा भी क्यों ना हो
तुम्हारे लिए मैं ज़िंदा
रहना चाहता हूँ "..

मिल जाए तुम मुझे
ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर
ये मिन्नतें मैं खुदा से हर रोज करता हूँ"..

देखा नहीं तुमको कभी
सुना नहीं तुमको कभी
फिर भी ना जाने क्यों मैं
तुम्हारे लिए आहें जोर जोर से भड़ता हूँ"..

मेरी दिल ए ख्वाइश आरज़ू
तुझे मैं स्पर्श करना चाहता हूँ"..