ओ..मेरे मन के मीत
ओ...मेरे मन के मीत
दिल चाहे तुम्हे
है खता क्या मेरी ।। ओ... मेरे मन के मीत
मेरे आंखों में है हां वसी
तेरी सूरत हां प्यारी हंसी
दिल तुमको ही ढूंढे
तो क्या कीजिए ।।
ओ.... मेरे मन के मीत
अपनों को हा छोड़ के मैं
तेरे करीब आ गया
तूने हा मुझको दीवाना ...
दिल चाहे तुम्हे
है खता क्या मेरी ।। ओ... मेरे मन के मीत
मेरे आंखों में है हां वसी
तेरी सूरत हां प्यारी हंसी
दिल तुमको ही ढूंढे
तो क्या कीजिए ।।
ओ.... मेरे मन के मीत
अपनों को हा छोड़ के मैं
तेरे करीब आ गया
तूने हा मुझको दीवाना ...