मुद्दत के बाद,,,,,
आज फिर दिखा है वो मुझे बाज़ार में
आज फिर रोऊंगा मैं मुद्दत के बाद
तेरी भी कीमत अदा कर दूंगा, सब्र कर
सौदा-ए-इश्क-ए-तिजारत के बाद
भर जायेंगे मेरे भी ज़ख्म मुझे...
आज फिर रोऊंगा मैं मुद्दत के बाद
तेरी भी कीमत अदा कर दूंगा, सब्र कर
सौदा-ए-इश्क-ए-तिजारत के बाद
भर जायेंगे मेरे भी ज़ख्म मुझे...