पर......
मैं समजी उसकी दुनिया मैं हूँ..
पर.. उसके मुताबिक़.. मैं कुछ और हूँ..
मैं.. उसके.. रंग.. में.. रंगी.. हूँ..
पर.. उसके.. मुताबिक़.. एक.. रंग.. हूँ..
मैं.. समजी.. मंज़िल ... मैं.. हूँ..
पर.. उसके.. मुताबिक़.. एक.. पथ.. हूँ..
मैं.. अब.. भी.. सांसें... ले.. रही.. हूँ..
उसके... मुताबिक़.. मैं.. जिंदा.. हूँ...
© sharmila6510
पर.. उसके मुताबिक़.. मैं कुछ और हूँ..
मैं.. उसके.. रंग.. में.. रंगी.. हूँ..
पर.. उसके.. मुताबिक़.. एक.. रंग.. हूँ..
मैं.. समजी.. मंज़िल ... मैं.. हूँ..
पर.. उसके.. मुताबिक़.. एक.. पथ.. हूँ..
मैं.. अब.. भी.. सांसें... ले.. रही.. हूँ..
उसके... मुताबिक़.. मैं.. जिंदा.. हूँ...
© sharmila6510