उम्मीदें
वो तुझे वफा की उम्मीदें देकर बेवफा हो गया ।।
तो क्या तुम्हारा भी वफा से भरोसा उठ गया ??
नहीं तो ।।
वो रात तुझे गमों के अंधेरे में छोड़ , किसी और की ही बाहों में सो गया ।।
तो क्या अब उसकी राते भी उजाड़ने की तमन्ना है ???
नहीं तो ।।
तो क्या अब भी उसकी खुशियों की दुआओ में सजदों में अपना सिर झुकाया करते हो ??
हाँ ।।
तो क्या अब भी उसके वापस लौट आने का इंतजार करते हो ??
नहीं तो ।।।
© Mr. Mishra
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तो क्या तुम्हारा भी वफा से भरोसा उठ गया ??
नहीं तो ।।
वो रात तुझे गमों के अंधेरे में छोड़ , किसी और की ही बाहों में सो गया ।।
तो क्या अब उसकी राते भी उजाड़ने की तमन्ना है ???
नहीं तो ।।
तो क्या अब भी उसकी खुशियों की दुआओ में सजदों में अपना सिर झुकाया करते हो ??
हाँ ।।
तो क्या अब भी उसके वापस लौट आने का इंतजार करते हो ??
नहीं तो ।।।
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