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😊 सांझ 😊
सांझ को फिर निमंत्रण मिला है,
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम, है इंतज़ार किसका,
क्योंकि तुम्हारे लिए ही सूरज पिघला है।
रास्ते थोड़े कठिन होंगे, पर कोई ना...
चलते चलते हर पल निकला है ।
डर लगे तो ये सोंच ठहर जाना कि,
तुम्हारे लिए कोई हमदम निकला है।
वो हमदम भी कोई और नहीं,
तुम्हारी हिम्मत है जो अंदर बिखरा है।
इस सांझ को अब निकल जाने दो,
क्योंकि सूरज भी अब ढल निकला है ।।
© #@dkaushik✨😊
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम, है इंतज़ार किसका,
क्योंकि तुम्हारे लिए ही सूरज पिघला है।
रास्ते थोड़े कठिन होंगे, पर कोई ना...
चलते चलते हर पल निकला है ।
डर लगे तो ये सोंच ठहर जाना कि,
तुम्हारे लिए कोई हमदम निकला है।
वो हमदम भी कोई और नहीं,
तुम्हारी हिम्मत है जो अंदर बिखरा है।
इस सांझ को अब निकल जाने दो,
क्योंकि सूरज भी अब ढल निकला है ।।
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