खिड़की खुली है
#SentimentalValue
खिड़की खुली है तो रोशनी आएगी।
रोशनी आएगी तो हवाओं को भी आना है।
ग़म का चादर उतार दो, चेहरे और तन को छूने दो
सराबोर कर देगें खुशियों को लहू में।
खिड़की खुली है तो ग़म के चादरें उड़ जाएंगे
इनके साथ मनहूसियत भी जाएंगी।
कभी मंजर भी तुम्हारे इशारों पर चलेंगे।
जरा अपनी बंद आंखें खोल लो।
खिड़की खुली है जरा काफि़ला देखो
काफ़िले में हर मिज़ाज के लोग हैं।
उनकी तरह साथ निभाना भी सीख लो।
खिड़की खुली है...
© All Rights Reserved
खिड़की खुली है तो रोशनी आएगी।
रोशनी आएगी तो हवाओं को भी आना है।
ग़म का चादर उतार दो, चेहरे और तन को छूने दो
सराबोर कर देगें खुशियों को लहू में।
खिड़की खुली है तो ग़म के चादरें उड़ जाएंगे
इनके साथ मनहूसियत भी जाएंगी।
कभी मंजर भी तुम्हारे इशारों पर चलेंगे।
जरा अपनी बंद आंखें खोल लो।
खिड़की खुली है जरा काफि़ला देखो
काफ़िले में हर मिज़ाज के लोग हैं।
उनकी तरह साथ निभाना भी सीख लो।
खिड़की खुली है...
© All Rights Reserved