एक शख्स ऐसे मिल गया,,,
एक शख्स राहों में मुझे कुछ ऐसे मिल गया,
हो कोई बिछड़ा पुराना यार जैसे मिल गया,
और बह गया था वक्त की आंधी में मकां सा मैं,
वो मिला ऐसे की अन्धे को सहारा जैसे मिल गया,
मेरी खुश्क शामों को उम्मीद-ए-सहर कर डाला,
सुरमई आंखों को बीनई का जहां जैसे मिल गया,
मेरे दिल के बहर ओ बर में घर कर गया...
हो कोई बिछड़ा पुराना यार जैसे मिल गया,
और बह गया था वक्त की आंधी में मकां सा मैं,
वो मिला ऐसे की अन्धे को सहारा जैसे मिल गया,
मेरी खुश्क शामों को उम्मीद-ए-सहर कर डाला,
सुरमई आंखों को बीनई का जहां जैसे मिल गया,
मेरे दिल के बहर ओ बर में घर कर गया...