मेरे हर फ़िक्र को तेरे जिक्र भी तो जरुरी है...
जब तेरी निगाहेँ...
दिल को तीर बनकर लगती है...
तब मेरे अहटो को...
शबनम के पंख मिल जाते है....
जब मेरे मन्नतों को....
तेरे जिक्र के दुआ मिलजाते है..
तब मेरे ख्यालों को....
तेरे खुशबू के उड़ान मिल जाती है....
अधूरे है मेरे हर ख्वाहिश....
क्योंकि इन्हे पुरे करने के लिए...
मेरे हर फ़िक्र को तेरे जिक्र की जरुरी भी तो है ...
© lallitha
दिल को तीर बनकर लगती है...
तब मेरे अहटो को...
शबनम के पंख मिल जाते है....
जब मेरे मन्नतों को....
तेरे जिक्र के दुआ मिलजाते है..
तब मेरे ख्यालों को....
तेरे खुशबू के उड़ान मिल जाती है....
अधूरे है मेरे हर ख्वाहिश....
क्योंकि इन्हे पुरे करने के लिए...
मेरे हर फ़िक्र को तेरे जिक्र की जरुरी भी तो है ...
© lallitha