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***अब हम मिल सकते नहीं***
अनमने मन से यूं रिश्ता निभा सकते नहीं..
जैसे नदी के किनारों को मिला सकते नहीं...
मोहब्बत दी तुमने इस अंदाज में.....
प्यार होते हुए भी गले लगा सकते नहीं
प्यार एक बीते वक्त की तस्वीर है..
भरोसा तोड़ कर जमा सकते नहीं....
उसकी बातों से टूटा है दिल मेरा..
टूटे हुए दिल को फिर से जोड़ सकते नहीं...
दिल में रहे तुम्हें जमाना हो चुका था...
अब कौन कहां कुछ बता सकते नहीं...
इन आंसुओं को पलकों पर अब क्यों रखें..
एक पल से ज्यादा अब यह रुक सकते नहीं...
उसकी भी गलती है, मेरी भी मजबूरी है...
उसका डर हावी है शिकार मैं बन सकती नहीं.....
© Rudravi
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