समादर और चाँद
आज एक कहानी समंदर और चाँद की सुनो,
सदियों से हो रही एसे ऐतबार की सुनो,
कहीं चाँद डूब ना जाए ये ख़याल समुद्र...
सदियों से हो रही एसे ऐतबार की सुनो,
कहीं चाँद डूब ना जाए ये ख़याल समुद्र...