" ख़ामोश इश्क "
तब से बड़ा अंजान था मैं, मगर अब जान गया हूं।
मैं आपकी अदाओं का मारा, फुले दिल भर आया हूं।
हमें खेद है, इतने दिन जो बांवरा बन सताया हूं।
फिर भी खाली हाथ से, ये तोहफे लिए आया हूं ।
मतलबी भरी इस दुनिया में, जो तश्करी मैं अपनाया हूं।
बिना कलम- बिना सयाही, बस सयारी लिखते आया हूं।
उस दिन से...
मैं आपकी अदाओं का मारा, फुले दिल भर आया हूं।
हमें खेद है, इतने दिन जो बांवरा बन सताया हूं।
फिर भी खाली हाथ से, ये तोहफे लिए आया हूं ।
मतलबी भरी इस दुनिया में, जो तश्करी मैं अपनाया हूं।
बिना कलम- बिना सयाही, बस सयारी लिखते आया हूं।
उस दिन से...