उम्र का कच्चा हूं
उम्र का कच्चा हूं
जरा न बहकाओगी
प्रेम दीवानी
थपकी दे सुलाओगी
बदमाश है मन कहीं
गलती पर न झल्लाओगी
मीठी मीठी लोरी सुना कर
खुशियों की पाठ पढ़ाओगी
चका चौद भरी दुनिया में
गुल्लक गुड़िया दिलाओगी
दिग्भ्रमित हो जाने पर
सही रास्ता दिखाओगी
बैठ गया है दिल कहीं
तो इन्हें जगाओगी
मोटी मोटी बातें समझ में न आता
तुम महीन महीन बात समझाओगी
टेठी तिरछी जाने पर
गोल-गोल न घुमाओगी
लट्टू जैसा बना कर मुझको
दिन में तारे न दिखाओगी
आंचल में सजाकर
जीवन धूप खिलाओगी ...
जरा न बहकाओगी
प्रेम दीवानी
थपकी दे सुलाओगी
बदमाश है मन कहीं
गलती पर न झल्लाओगी
मीठी मीठी लोरी सुना कर
खुशियों की पाठ पढ़ाओगी
चका चौद भरी दुनिया में
गुल्लक गुड़िया दिलाओगी
दिग्भ्रमित हो जाने पर
सही रास्ता दिखाओगी
बैठ गया है दिल कहीं
तो इन्हें जगाओगी
मोटी मोटी बातें समझ में न आता
तुम महीन महीन बात समझाओगी
टेठी तिरछी जाने पर
गोल-गोल न घुमाओगी
लट्टू जैसा बना कर मुझको
दिन में तारे न दिखाओगी
आंचल में सजाकर
जीवन धूप खिलाओगी ...