ईद का दिन
ईद का दिन
खुशियों की बहारो मे हर किसी की मुसकुराहट नजर थी,
पर एक आशिक के आखों मे नमी थी ,
हर किसी के जिस्म पर नया लिबास और लिबास से आती इत्र की खुशुबु थी.
मेरे जिस्मों-तामिर मे उसी का हिस्सा और एहसासों बसी मोहब्बत की खुशबु थी ,
बहती हवाएं...
खुशियों की बहारो मे हर किसी की मुसकुराहट नजर थी,
पर एक आशिक के आखों मे नमी थी ,
हर किसी के जिस्म पर नया लिबास और लिबास से आती इत्र की खुशुबु थी.
मेरे जिस्मों-तामिर मे उसी का हिस्सा और एहसासों बसी मोहब्बत की खुशबु थी ,
बहती हवाएं...