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ईद का दिन
ईद का दिन

खुशियों की बहारो मे हर किसी की मुसकुराहट नजर थी,
पर एक आशिक के आखों मे नमी थी ,
हर किसी के जिस्म पर नया लिबास और लिबास से आती इत्र की खुशुबु थी.

मेरे जिस्मों-तामिर मे उसी का हिस्सा और एहसासों बसी मोहब्बत की खुशबु थी ,
बहती हवाएं और छाई घटाएं थी ,
दिल की दिवारों पे दस्तक उसी की थी.

आखों के सामने एक अजिब सी तस्वीर थी ,
दुश्मन हो या दोस्त अपने हो या पराए सब के दिल मिल रहे थे ,
गले लगाकर अपने गिले शिकवे मिटा रहे थे ,
मंजर देख के आखों गजब तितलियां छाई थी ,
आखों गिरती हर वो बुंदे मेरी महबुबा को पुकार रही थी,
ईदी पाकर सबकी खुशियां उमड पडी थी ,
नादान ए दिल धडकन खुदा से अपनी महोब्बत मांग रही थी .

#Eidmubarak
© ashpaktalikote