...

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अधिकार
कब बनूँगी सहगामिनी तुम्हारी,
अनुगामिनी बनना स्वीकार नहीं
कब तक कौमार्य को परखोगे,
ये तेरा जन्मसिद्ध अधिकार नहीं

देवी बनाकर स्थापित मत करो,
कुलांचें भरती हिरनी ही रहने दो
बंधन गहनों का...