...

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कलयुग की माया कहो या कर्मों का लेखा-जोखा
बेबसी की दुनिया में
अनबसी के नज़ारे हैं
किसी के लिए छप्पन भोग
तो कोई बासी में दिन रात गुजारे हैं
कोई सोया मखमल के बिस्तर पर
तो किसी को फुटपाथ भी नागवारे है
किसी की दुनिया रोशन सितारों से
किसी की दुनिया सिर्फ अंधेरों के सहारे हैं
किसी को मिला बेशुमार
फिर भी खुद को...