...

33 views

मैंने बहुत कुछ देखा और सिखा है।
इन आंखों देखें मंज़र से,
मैंने अपने सामने
बहुत लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते देखा है, और उनके इस उतार चढ़ाव में भी हौसला क़ायम रहना सिखा है। मैंने ____
और मेरी आंखों ने बहुत कुछ देखा है।
इस प्राकृतिक चीज़ों को खुबसूरत नज़ारा
बनातें हुये तो कहीं खुबसूरत नजारें को
अपनी चपेट में लेते हुए, ____
पर फिर भी मैंने सिखा है। कैसे लोग इस प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में फंसकर भी अपने जीने की उम्मीद को क़ायम रखतें हैं। बहुत कुछ देखा है। मैंने ___
अपने आस पास के रिश्तों को मतलबी होते हुए, तो कहीं एक विधार्थी की प्रतिस्पर्धा को, __
तो कही एक परिवार में अपनी जिम्मेदारी को पुरा करने के लिए हर दिन तपते हुए ,
मनुष्य को, बहुत कुछ देखा है, _
कहीं किसी अपने को खोने का डर तो किसी अपने के लिए किसी अपने से दूर होते लोग मरती हुई भावनाओं को तो कही __
भयभीत होता एक मनुष्य को दुसरे मनुष्य से मेरी आंखों ने और बहुत कुछ देखा है !
और फिर सोचा है। कितना व्याकुल है,
सब कुछ मानों जैसे एक मनुष्य का जीवन सिर्फ अपने परिश्रम की शुरुआत अपने घर से शुरू करकर वो अपने क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी को पुरा करता है, अपनी क़लम से अपने कर्तव्य से मनुष्य तभी मज़बूत है !___
अपने अनुयायियों से सभी विपदाओं
से लड़ने के लिए भरपूर सक्षम है,।
#karishmagujjarquote #motivational #inspirational #education #nature #humour #WritcoQuote
!! Poem wallpaper WhatsApp AI meta
© Karishma Gujjar🏆 motivationQT