...

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समय की अपना रफ़्तार है
"समय"
समय की अपनी रफ़्तार है
कभी हाथ मे होता तो,
कभी हाथ से निकल जाता है
समय से आगे क्या है..?
समय के पहले समझा नही
एक समय अवसर है,
दूसरा महज इतंजार।
जन्म समय आगमन है,
मृत्यु समय निर्गमन है।
मध्य समय भृमण है जीवन का।।
समय की आस में,
समय के पास में,
बैठना है या साथ मे चलना,
समय नही बताता, क्यों..?
क्योंकि उसे फुर्सत नही,
समय की अपना रफ़्तार है।

#WritcoPoemPrompt48
#Hindi
#aloksharma
© ALOK Sharma...✍️