...

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पुण्य भूमि- मिथिला.......
महादेव और राम सिया की,
जहाँ कृपा और छाया है।
उस पुण्य भूमी मिथला के आँचल मे,
मैंने अपनों का प्यार पाया है
जहाँ की मिट्टी मे भी ख़ुशबु,
जल निर्मल और शीतल है।
जहाँ की नदियों मे पावनता,
और शांत सी हलचल है।
जहाँ की हर स्त्री के ह्रदय मे,
माँ जानकी जैसी ममता है।
हर पुरुष के भीतर जहाँ समाई,
अपनों के लिए लड़ने की छमता है।
जहाँ के हर बच्चे की आँखों मे,
खुल कर जीने की आशा है।
मित्र बनाना, खेल-कूदना,
बचपन की यही परिभाषा है।
दूसरों के हित को सोचना,
और गैरो को भी अपनाना,
जहाँ हर व्यक्ति की मंशा है।
है शांत नगरी वो इतनी,
की शायद ही वहा हिंसा है।



🙏🙏🙏जय मिथला,🙏🙏🙏
🙏🙏🙏जय मैथली....... 🙏🙏🙏
© sumit123