दिल की बातें
ख़ामोश है धरती ख़ामोश आसमां,
बस सुनाई पड़ती है तेरी धड़कनें,
यूँ खींचा चला आता हूँ तेरी तरफ़,
जैसे बाँध लिया पतंग की डौर सा,
ज़रा बताओ...
बस सुनाई पड़ती है तेरी धड़कनें,
यूँ खींचा चला आता हूँ तेरी तरफ़,
जैसे बाँध लिया पतंग की डौर सा,
ज़रा बताओ...